कैसे मुक्त हों प्री-वेडिंग शूट की बुराई से - पूरन चन्द्र शर्मा

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Vivratidarpan.com - आजकल सोशल मीडिया पर  प्री-वेडिंग शूट के बारे में बहुत सारी सामग्री पोस्ट हो रहीं हैं। बताया जाता है कि - प्री-वेडिंग शूट हमारे सनातन धर्म के खिलाफ है। यह वेस्टर्न कल्चर है, यह बन्द होनी चाहिए आदि - आदि।  समाज सुधारक एवं समाज चिन्तक भाई - बहनें पोस्ट करते रहते हैं। अधिकतर पोस्टें वे लोग करते हैं जिनके बच्चे अभी तक या तो उम्र के हिसाब से विवाह योग्य नहीं हुए हैं या अपने बच्चों की शादी कर चुके हैं।  मजे की बात यह है कि  जो व्यक्ति प्री-वेडिंग शूटिंग के खिलाफ रहता है पर जब उसी व्यक्ति के घर में शादी होती है तो देखने में आता है कि अपने बेटा या पोते की शादी के समय बड़ी स्क्रीन पर प्री वेडिंग शो चल रहा होता है।

जब वहां मौजूद कुछ लोग प्रश्न करते हैं तो जवाब मिलता है कि- क्या करें बच्चे माने नहीं।

एक आम कहावत है कि- रोपे पेड़ बबूल का तो आम कहां से होई। हमारे  बच्चे चाहे इंग्लिश मीडियम से शिक्षा ले रहे हो या हिन्दी अथवा अपनी कोई भी क्षेत्रीय भाषा से पढाई कर रहे हों वह बात कोई ज्यादा मायने नहीं रखती।

मुख्य बात यह है कि आप अपने बच्चों में किस तरह के संस्कार डाल रहे हैं पहले इसके बारे में सोचें

जब बच्चों का जन्म दिन मनाया जाता है तब केक काटा जाता है, मुंह से फूंक मारकर  मोमबत्तियां बुझाई जाती है। बेचारा नन्हा बच्चा क्या जाने कि यह हमारा सनातन कल्चर है या वेस्टर्न कल्चर। यही से बच्चा वेस्टर्न कल्चर के रंग में रंगना चालू हो जाता है और हम कहते हैं कि बच्चों के दबाव में आकर प्री वेडिंग शूट का कार्यक्रम करना पड़ा।  क्या करें बच्चे माने नहीं।

बच्चे के जन्म दिन के

अवसर पर क्या करें

बच्चे के जन्म दिन पर वहीं काम करे जो हमारे पूर्वज करते आए हैं।  बच्चे के जन्म का पांचवां साल है तो भगवान की मूर्ति के समक्ष 5 दीपक प्रज्वलित करें।

 पड़ोसी के बच्चों को बुलाना है तो अवश्य बुलाएं। जब सारे बच्चे आ जाए तो उन्हीं के सामने बच्चे के मस्तिष्क पर तिलक कर  उसका मुंह मीठा करें तथा माता - पिता सहित उपस्थित सभी बुजुर्गों के पैर स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लेने को कहें। इसके बाद उपस्थित सभी बच्चों को तिलक करें  एवं उपस्थित सभी का मुहँ मीठा करवायें। यदि बच्चों में उपहार बंटाना है बाल साहित्य बांटे। धार्मिक कॉमिक्स बाटें। इस तरह जन्म दिवस मनाए जाने की फोटो एवं वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करें जिससे देखने वालों को भी प्रेरणा मिले।

इस तरह के आयोजन से आपके बच्चे के साथ - साथ पड़ोसी के बच्चे भी साथ में अच्छे संस्कार को लेकर जाएंगे।

इसी प्रकार आप अपने विवाह की सालगिरह पर केक एवं मोमबत्ती संस्कृति को छोड़ कर विवाह की 25 वीं वर्षगांठ है तो 25 दीपक प्रज्वलित करें।

इस तरह के आयोजनों के द्वारा बच्चों में सनातनी संस्कार डालने से प्री वेडिंग जैसे आयोजनों से छुटकारा मिल सकता है।  बच्चे जब मैच्योर हो जाएंगे तब विवाह के  समय पर वे प्री वेडिंग शूटिंग के लिए जिद नहीं करेंगे और ऐसा तभी सम्भव है जब  इस नेक एवं महान कार्य की शुरुआत आप अपने घर से ही  करें। (विनायक फीचर्स)