मुंह में छाले-कैसे टालें - डॉ. प्रवीण जे.गुप्ता

 | 
pic

Vivratidarpan.com - हमारे मुंह के भीतर असंख्य जीवाणु मौजूद होते हैं। मगर वे सामान्यत: कोई लक्षण या बीमारी पैदा नहीं करते, क्योंकि अपने मुंह को बार-बार साफ कर हम उन जीवाणुओं को बढऩे से रोकते हैं। उसी तरह हमारी लार में भी ऐसे कई तत्व मौजूद होते हैं, जो बीमारी पैदा करने वाले रोगाणुओं को नष्ट कर डालते हैं। मगर जो लोग अपने मुंह को ठीक से नहीं धोते या पान-मसाला, तंबाखू या पान चबाते रहते हैं, उनके मुंह के भीतर रोगाणुओं की बढ़त होने की संभावना होती है।
उसी तरह जो लोग पौष्टिक भोजन, जिसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन, खनिज और अन्य लवण हों, का प्रयोग नहीं करते, उनको भी इस प्रकार की तकलीफ पेश आ सकती है।
कोई पुरानी और असाध्य बीमारी जैसे क्षय रोग या कैंसर भी मुंह में छाले पैदा कर सकते हैं। प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक्स) और स्टीरॉइड दवाओं का लम्बे समय तक सेवन भी इन लक्षणों को जन्म दे सकता है।
दांतों के रोग, टूटे हुए दांतों या नकली दांतों से लगी चोट, अत्यधिक गर्म वस्तुओं का सेवन, रक्ताल्पता, आंत संबंधी रोग, मुंह का कैंसर भी मुंह में छाले उत्पन्न कर सकते हैं।
उसी तरह स्त्रियों को मासिक धर्म के समय भी इस रोग के होने का खतरा होता है।
लक्षण- आरंभ में ये मुंह में भीतर छोटे-छोटे दानों की तरह निकलते हैं। प्रमुखता से ये गाल और होठों के भीतरी भागों और जीभ पर दिखाई देते हैं। बाद में ये फूटकर छालों की शक्ल ग्रहण कर लेते हैं। ये गोल या अंडाकार होते हैं और दो से दस मिलीमीटर के करीब इनका आकार होता है। आमतौर पर ये चार-पांच की संख्या में होते हैं और करीब एक से दो सप्ताह तक मौजूद रहते हैं। इन सफेद छालों के इर्द-गिर्द लाल रंग का घेरा बना होता है। मरीज मुंह के भीतर दर्द महसूस करता है। दर्द की मात्रा गर्म या मसालेदार पदार्थों के सेवन के बाद बढ़ जाती है। मुुंह से लार निकलने का प्रमाण बढ़ जाता है, उससे मुंह के भीतर लगातार जलन होने लगती है।
कई बार मुंह के भीतर चकते दिखाई पड़ते हैं, जो मलाई या दही के टुकड़ों की तरह प्रतीत होते हैं। इन चकतों को आसानी से अलग किया जा सकता है। इनकी उत्पत्ति फफूंदी की वजह से होती है।
उपचार- सर्वप्रथम मुंह की सफाई की ओर ध्यान देना आवश्यक है। यदि मुंह को दिन में तीन चार-बार कुल्ले कर धोया जाय और विशेषकर कुछ खाने के बाद तो यह अत्यंत लाभकारी होता है।
पान मसालों, तंबाखू एवं अत्यंत गर्म खाद्यों का सेवन भी टाल दिया जाना चाहिए। आजकल बाजार में कई तरह के माउथवॉश मिलते हैं, जिनमें मुंह में मौजूद जीवाणुओं को मारने की ताकत होती है मगर वे मुंह की त्वचा को कोई नुकसान नही पहुंचाते। इन्हें एक गिलास पानी में कुछ बूंदे डालकर कुल्ला करना चाहिये।
बोरिक पाउडर में ग्लिसरीन मिलाकर भी बनाया गया मिश्रण लगाने से भी छालों को आराम पहुंचाया जा सकता है। इसके अलावा प्रचुर मात्रा में विटामिनों, विशेषकर विटामिन ए और बी का प्रयोग करना चाहिए।
पौष्टिक मगर सादा भोजन एवं फलों और तरल पदार्थों का बहुतायत में सेवन भी लाभ प्रदान करता है। (विभूति फीचर्स)