हे माँ कालरात्रि - कालिका प्रसाद सेमवाल

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हे  माँ   कालरात्रि    शुभंकरी,

सिद्धियों  का   वरदान दो मां।

दानव, दैत्य  भूत-पिचास से,

अभय  का  वरदान दो माँ।

माँ आसुरी शक्तियों का संहार करो

धरा पर   स्थित मानव कराह रहे है।

तुम्हारे  नाम सुन  कर दुष्ट भागते है,

जन -जन  का   कल्याण   करो माँ।

तुम कृपा  निधान  हो माँ कालरात्रि,

अंधकारमय रंग और  बिखरे बाल है।

बिजली सी  माला गले में  पहनी हो,

भक्तों को  सदा निर्भर तुम करती हो।

तीन नेत्रों को खोल ब्रह्माण्ड देखती हो,

साँसो  में  तुम्हारे  आग  निकलती है।

हाथों में   तुम्हारे  कांटे वाला खड्ग है,

अपने   भक्तों की रक्षा करो मातेश्वरी।

हे माँ    कालरात्रि  तुम महाशक्ति हो,

जो भी  तुम्हारी      पूजा    करता है।

उसके  जीवन में सुख समृद्धि आती,

जय- जय -जय    माँ   कालरात्रि ।

- कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रूद्रप्रयाग उत्तराखण्ड