'कर्णधार हैं हम भारत के' कर्तव्य बोध की सशक्त अभिव्यक्ति - कवि संगम त्रिपाठी

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Vivratidarpan.com - डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव की सृजनात्मकता में मिट्टी की खुशबू है। राष्ट्रीयता की सात्विक गमगमाहट है, सनातन संस्कृति के प्रति प्रेम की प्रगाढ़ता है। गुरुजनों के प्रति समर्पण भाव है। मां भारती की अनुभूति की विभूति है। विनम्रता और विद्या का संयोग उनकी रचनाओं में दृष्टिगत होता है सहज सरल शब्दों के माध्यम से उनकी सशक्त रचनाएं हिन्दी साहित्य को श्रीसमृद्ध करती है........ ' कर्णधार हैं हम भारत के' काव्य संग्रह में उन्होंने रचनाओं के माध्यम से भारत के नव निर्माण का संकल्प और देश के प्रति कर्तव्य बोध की सशक्त अभिव्यक्ति की है -

कर्णधार है हम भारत के

स्वर्ग धरा पर लाएंगे

विश्व गुरु फिर होगा भारत

ऐसा चक्र चलाएंगे

पूर्व संस्कृति धर्म सनातन

हर घर में होंगे राम ......।

- डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव , संपर्क - 9576815977