अत्याचारों की रीति चली - हरी राम यादव ​​​​​​​

 | 
pic

ताली बजाओ खुश हो  जाओ,

   बुलडोजर के नंगे नाच पर।

मानवता आज कराह रही है,

    उठती आंहों की आंच पर।

मत सोचो कुर्सी पर बैठे लोगों,

    इस आंच से तुम बच जाओगे।

तुम कर रहे आज कृत्य जो,

     उसका मूल्य अवश्य चुकाओगे।

जो अत्याचारों की रीति चली,

    कानून स्थापन के नाम पर।

वह मानवता को तार कर रही,

    चल रही अधर्मी काम पर।

सत्ता सीमित दिन की साथी,

   किसी का एकाधिकार नहीं।

जनविरोधी नीति रीति से होती,

    ज्यादा दिन जय जयकार नहीं।

क्या लाख करोड़ राशि दे करके,

    जिंदगियों को वापस ला दोगे।

पैसों के बल पर कब तक तुम,

   किए हुए पाप को धो लोगे ।

हरी तुम्हारे हिसाब के पन्नों पर,

    यह अमिट कहानी लिखी गयी।

जांच में चाहे जो साबित कर लो,

     अब तो जो कहो वही सही।।

- हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश

 फोन -  7087815074