नया साल के सुआगत गीत - श्याम कुंवर भारती

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आई गइले नया साल लेई के खुशहाली भईया।

करा इनकर सुआगात बजाई के खुब ताली भईया।

हिंदू पंचांग में विक्रम संवत के नया साल होला।

अंग्रेजी महीना में माह जनवरी नया साल होला।

दुनिया में फूटे फुलझड़ी ओरी खाले खुब थाली भईया।

करा इनकर सुआगत बजा के खुब ताली भईया।

बितल साल में कूटनीति राजनीति खुब भईल।

गिरल कई सरकार  ओरी गिर के फिर बनल।

छिड़ गइल लड़ाई केतना देश में भईल बदहाली भईया।

करा इनकर सुआगत बजाई के खुब ताली भईया।

कही आइल बाढ़ कही सुखा पड़ी गइल।

कोरोना के मार केतना नौकरी पीछा छोड़ गइल।

अबकी साल बहे हवा खूब मतवाली भईया।

करा इनकर दुआगत बजाके खुब ताली भईया।

अबकी बार मीजाज मौसम बनल खुब रहो।

गेंहू धान सरसो मटर रहर दाल फसल खुब रहो।

केहू के ना रहे कबों जेब अब खाली भईया ।

करा इनकर सुआगत बजा के खुब ताली भईया।

सतावे ना कोरोना केहू बीमारी के ना नाम रहे।

घुसे ना सीमा बैरी आतंकी काम तमाम रहे।

आवे ना देशवा कबों केहू अबकी  तंगहाली भईया।

करा इनकर सुआगत बजा के खुब ताली भईया।

- श्याम कुंवर भारती ( राजभर)

बोकारो, झारखण्ड, मोब. 9955509286