गुरु महिमा - सुनील गुप्ता

गुरु की महिमा क्या बखाने
वह तो है शाश्वत और अपरम्पार !
स्वयं ईश्वर आ गुरु महिमा गाते....,
और करते सद्गुरु ही बेड़ा पार !!1!!
हैं धन्य जिन्हें यहां गुरुवर मिलते
और मिलता गुरु का प्रेम सान्निध्य !
गुरु चलें जीवन की राह सुझाते.....,
मिटाएं तम अज्ञान अंधकार और भय !!2!!
श्रीसद्गुरु की शरणन में आकर
मिलता जीवन का हमें अभयदान !
दृष्टि जीवन की गुरुदेव बदल दें.....,
और चलें भरते उजियार और ज्ञान !!3!!
श्रीसद्गुरु का मिलना है अहोभाग्य
और पुण्य प्रारब्ध जन्मों का फल !
कट जाएं जीवन के सारे बंधन....,
और पाते चलें जीवन प्रश्नों के हल !!4!!
जीवन में आता ऐसा है वक़्त
जब स्वयं ही गुरु हमें तलाशें !
और सही समय पर पाकर संगत....,
जीवन उत्कर्ष की ओर बढ़ पाएं !!5!!
श्रीसद्गुरु का पाकर कृपाप्रसाद
चलें जीवन के भाग्य बदलते !
और हर्षाए तन मन जीवन सारा....,
खुलते चलें जीवन के सभी रास्ते !!6!!
गुरु महिमा का क्या गुणगान करें
श्रीगुरु तो हैं ईश्वर से बढ़कर !
नित्य इनकी सेवा पूजा अर्चना करें...,
तो, धन्य होगा जीवन यहां बने रहकर !!7!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान