गजल - ऋतु गुलाटी
Jul 23, 2023, 20:00 IST
| 
यार तुमको अजी क्यों शिकायत रही,
प्यार पूजा वही आज दौलत रही।
इश्क मे आपके डूबती रात दिन,
साथ मे यार की ही इबादत रही।
बात क्या अब छुपाते हो दिलदार से,
रात दिन यार करती वकालत रही।
पास आकर जरा बैठ अब यार तू,
साथ तेरे रहूँ अब ये हसरत रही।
दिल परेशा हुआ हम बड़ा रो दिये,
हाय कैसी अजी यार किस्मत रही।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़