गजल - ऋतु गुलाटी
May 9, 2023, 22:40 IST
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डरा सका न हमें तू जहाँ कमाल नही,
बने हैं काबिल जग में अजी दलाल नही।
मिले नसीब से हमको जुदा न होना तुम,
गमो को दूर करे दिल कुई मिसाल नही।
बुझे चराग हया के खफा हुऐ हमसे,
उन्ही के अब ये चराग़े हलाल नही।
भुला सकेगे न तुमको अजीज मेरे,
कहाँ चले गये हो आज तुम गुलाल नही।
जुदा नही हो निगाहें दुआ करे *ऋतु अब,
बिखर रही है ये साँसे बचे जमाल नही।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली , पंजाब