गजल - ऋतु गुलाटी
Tue, 28 Feb 2023
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आशिकी में हम तुमको राज ये बताते है,
प्यार तुम्हे करते है,प्यार ही जताते हैं।
पास तुम अजी, बैठो बात इक बतायेगे,
आपको मुहब्बत की दास्ता सुनाते है।
हाय दूर होकर हमको नही सताना तुम,
साथ साथ जीना है, यार को रिझाते है।
दर्द आज बढता जाता सहा नही जाता,
हाय अब सहे कैसे आज ये रूलाते है।
दर्द अब ये तेरा है साथ ही सहेगे हम,
संग संग जीना है याद ये दिलाते है।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली, चंडीगढ़