ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Nov 28, 2024, 22:05 IST
| प्रेम आँखों से जताया कीजिए,
असलियत सबसे छुपाया कीजिए।
प्यार बाँटो भूल कर बातें सभी,
प्यार को दिल मे बसाया कीजिए।
छोड़ दो खामोश रहना बात कर,
प्रेम को सब पर लुटाया कीजिए।
प्यार देती माँ बड़ा हमको सदा,
कर्ज माँ का भी चुकाया कीजिए।
दूर रहना छल कपट से तू सदा,
झूठ से दामन बचाया कीजिए।
हाले दिल रखते हो क्या तुम बोलना?
राज से परदा उठाया कीजिए।
साथ लेकर क्या गया इंसान भी,
बात सबको ऋतु पढाया कीजिए।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़