ग़ज़ल - रीता गुलाटी

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इश्क मे हद से गुजर जायेगे,

दिल जो टूटा तो किधर जायेगे।

प्यार मे तेरे सँवर जायेगे,

हम तो खुशबू हैं बिखर जायेगे।

रात भर सोचती तेरी बात को,

साथ मे यार हम सफर जायेगें।

बिन तुम्हारे कही भी मर जायेगे,

प्यार मे तेरे निखर जायेगे।

मात मंदिर भी सजे चुनरी से,

लोग दर्शन को इधर आयेगे।

खूबसूरत से लगे हो आप तो,

जिंदगी संग तेरे बसर जायेगे।

- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़