ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jul 3, 2024, 23:03 IST
| वफा करना हमें तुम अब सिखाओ,
खुशी से आज जीना भी बताओ।
उठाता है वो नखरे दिल लगा के,
अदा से यार हमको तुम हँसाओ।
रहोगे संग मेरे प्यार से तुम,
हँसी से गीत अपना गुनगुनाओ।
रहोगे यार कैसे तुम सुकूँ से,
जरा तुम पास मेरे यार आओ।
भुला लो आज उनकी बात सारी,
यकीं कर प्यार तो खुल के जताओ।
बने है अब दिवाने यार तेरे,
किया वादा किसी से तो निभाओ।
खुशी में आज डूबी है अयोध्या,
चलो दीपक सभी मिलकर जलाओ।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़