ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jun 13, 2024, 23:12 IST
| किया दिल को मैने तुम्हारे हवाले,
यही सोचता दिल खुदी मे सटाले।
नही हाथ छोडूँ, जमाने मे अब तो,
भले दुनिया कितने ही काँटे बिछाले।
नही दिल को तोड़े, नही बात टाले,
कभी भूलकर भी, न छीनों निवाले।
चलो भूल शिकवे नयी राह अब चल,
जमाने के गम को दिलो से निकाले।
बढ़ा दर्द दिल मे, गये छोड़ मुझको,
हुआ दर्द इतना चुभे पैर छाले।
लगे तोहमत दिल मे, छीनें खुशी भी,
बनो खूबसूरत, न, बन दिल के काले।
अभी प्रेम की *ऋतु दुनिया बनाई,
छेड़ी गजल मीठी औ महफिल सजाले।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़