ग़ज़ल - रीता गुलाटी
May 6, 2024, 23:12 IST
| हुआ इश्क मे दिल दीवाना किसी का,
करे प्यार तुमसे छुपाना किसी का।
मिले जिंदगी में गमों के धुएँ हैं,
फँसी नाव ढूँढे बचाना किसी का।
न सोचो जमाने की बाते अरे तुम,
मुहब्बत मिले गर निभाना किसी का।
खिले फूल आँगन में सारे बहुत है,
लगे हाथ प्यारे सजाना किसी का।
न छेड़ो पिया आज कहती हैअब *ऋतु,
करे याद कैसे सताना किसी का।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़