ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Apr 1, 2024, 23:49 IST
| सात जन्मों तलक हम सलामत रहे,
बीच दोनो के अब तो इनायत रहे।
खुश हुआ दिल तभी नाचने अब लगे,
जिंदगी मे सदा यार उल्फत रहे।
जिंदगी गीत बनकर लुभाने लगी,
सात जन्मों तलक ये मुहब्बत रहे।
बात क्या अब छुपाते हो दिलदार से,
ना करे काम कोई नदामत रहे।
माँगती हूँ खुदा से यही अब दुआ,
सात जन्मों तलक ये वफारत रहे।
खुश रहे साथ मिलकर जिये जिंदगी,
ना खुदा दिल मे कोई मसाफत रहे।
इश्क मे यार तेरे मैं डूबी रही,
बीच तेरे मिरे ना सियासत रहे।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़