ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Mar 27, 2024, 22:33 IST
| ये तेरा प्यार रूसवा क्यूँ करे हम,
है तोड़ा दिल हमारा क्यूँ करे हम।
ये रस्में आज उल्फत है जताती।
भला तुमसे ये शिकवा क्यूँ करे हम।
किया धोखा सहे हैं दर्द सारे,
तुम्ही से प्रेम अच्छा क्यूँ करे हम।
रहा क्यो? दूर हमसे अब खफा सा,
बता दे अब मनाना क्यूँ करे हम।
नही लिखता खतों पर नाम मेरा,
तुम्हें अब यार सीधा क्यूँ कहे हम।
मिली रौनक हमें भी साथ तेरे,
जमाने से ये परदा क्यूँ करे हम।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़