गजल - रीता गुलाटी
Mar 5, 2024, 23:50 IST
| ये दिल भी राह को देखें तुम्हारी,
करेंगें संग अब बातें तुम्हारी।
छुपाया आज चेहरा है ऐसे,
नजर आती है बस आँखें तुम्हारी।
मुहब्बत ने दिवाना अब बनाया,
कटेगी जाग अब रातें तुम्हारी।
दिया है दर्द तुमने फिर हमें क्यो?
शिकायत आज हम लिक्खें तुम्हारी।
किया है इश्क तुमसे दिल लगाकर,
है पागल कुछ नही सोचें तुम्हारी।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़