ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jan 11, 2024, 23:16 IST
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प्यार मे हाथ जिसने थाम लिया,
आज उसने ही इंतकाम लिया।
यार बैठे हैं हम अँधेरे मे,
फिर भी तूने ये हाथ थाम लिया।
क्यो छुपाते हो,चाह तुम मेरी,
आज महफिल मे यार नाम लिया।
भूल बैठे हो इश्क की बातें,
याद करके खुदी को थाम लिया।
कर दिया आज क्या गुनाह तुने,
दुश्मनों से मेरा भी काम लिया।
- रीता गुलाटी ऋतंंभरा, चण्डीगढ़