गजल - रीता गुलाटी
Dec 22, 2023, 22:27 IST
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देखा है तुम्हें आज मेरे दिल ने कहा है,
माँगा है खुदा से जो वही पैगाम मिला है।
चाहत भी दिखी आज निभानी तो पड़ेगी,
जज्बात मेरे आप भी देखे जो वफा है।
अब प्यार मे कैसे ये सहे आज जुदाई,
जाने कहे किस्मत ने दी हमको भी सजा है।
खामोश निगाहो ने बताये हैं इरादे,
करते हैं वो भी प्यार हमे आज खफा है।
रोते हैं अकेले में तुम्हारे ही लिये हम,
जाने मेरे दुख को कहाँ किस्मत मे लिखा है।
लिखना भी जरूरी है गुनाहो की कहानी,
कागज़ पे कलम ने,नया इतिहास लिखा है।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़