ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Dec 19, 2023, 23:27 IST
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यार से जब दिल को धोखा हो रहा है,
याद मे उसकी तड़फ कर रो रहा है।
आ गया मौसम रँगीं तू झूम लेना,
बेफिकर सारा जमाना सो रहा है।
आ दुआ मिलकर करे सब जिंदगी मे,
जी रहा इंसान देखो रो रहा है।
सोचता दिल देखकर इन हरकतो को,
अब लगे इंसा भी कैसा हो रहा है।
कर रहा है अब बशर वो आदमी से,
आज इंसानियत को वो खो रहा है।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़