गजल - रीता गुलाटी
Updated: Jul 6, 2023, 23:16 IST
| 
प्यार देकर चला गया कोई,
अब न सुनता जला गया कोई।
हाय खुशहाल अब रहे कैसे,
नर्क जैसा बना गया कोई।
जब मिले नूर सा दिखे लब पर,
पास आया हँसा गया कोई।
ये मुहब्बत कमाल की दिखती,
हम से दिल ही ले गया कोई।
जन्नत-ए-जिंदगी तबां मेरी,
हाय खुशियाँ उड़ा गया कोई।
हाय हमसे खफा हुआ इतना,
यार देकर गया सजा कोई।
अब नशे से भरी मिरी आँखे,
ख्याब मेरा चुरा गया कोई।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़