गजल - रीता गुलाटी
Jun 27, 2023, 23:19 IST
| नही टूटे कभी भी जिंदगी तेरी जो हँसती ये,
नही जीना पढे अब जिंदगी में मुफलिसी ये।
बसो तुम प्यार से यारा यही इक सिलसिला माँगे,
जियो अब साथ तुम मेरे खुदा की आज मरजी ये।
उजालो से परे दिखता हमारे दिल मे जो रहता,
कभी आओ मेरे तुम हो अजी दे दो गवाही ये।
अजी कब कौन सुनता है,ये धरती भी अमीरों की,
अजी कोई कहाँ सुनता, जहाँ मे बात सीधी ये।
करो तुम राज अब अपने पिया के दिल की बस्ती मे,
हमेशा ही मिले अब प्रेम की सच्ची निशानी ये।
सलामत अब रहे यारा तुम्हारी आज जोड़ी भी,
सजा हो अब आशियाना यार का रब मेहरबानी ये।
मुहब्बत यार तेरी हो,सजी खुशियों की महफिल हो,
मिले अब साथ तेरा भी,करे मस्ती हो अरजी ये।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़