गजल - मधु शुक्ला
Jun 22, 2023, 21:54 IST
| क्रोध की अग्नि में प्रेम जल जायगा,
रेशमी डोर का छोर गल जायगा ।
भावनायें किसी की न आहत करो,
आह की धुंध में चैन छल जायगा ।
नाम धन का भरोसा न करना कभी,
वक्त के साथ यश सूर्य ढल जायगा।
शुभ समय जब पधारे उसे मान दो,
बेरुखी से मिला वक्त टल जायगा ।
मौन रहकर सहो 'मधु' सदा दर्द को,
धैर्य के जोर से युग बदल जायगा।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश