ग़ज़ल हिंदी - जसवीर सिंह हलधर
Aug 8, 2023, 22:06 IST
| 
हिन्दू मुस्लिम एक बना दो ,बात हमारी मानो मौला ।
मंदिर मस्ज़िद को मिलवा दो ,बात हमारी मानो मौला ।
यदि ऐसा ना हो पाया तो ,देश विभाजन पक्का मानो ,
टोपी पगली साथ बिठा दो ,बात हमारी मानो मौला ।
अरबी और फ़ारसी लिपि से ,उर्दू को बाहर ले आओ ,
देव नागरी में लिखवा दो ,बात हमारी मानो मौला ।
हिंदी उर्दू दोनों बहनें ,कविता ग़ज़ल सहेली पक्की ,
एक मंच से ही पढ़वा दो ,बात हमारी मानो मौला ।
जो भी पाक कसीदे गाये ,मंचों पर वो चढ़ ना पाये ,
ऐसे जालिम दूर भगा दो ,बात हमारी मानो मौला ।
सर्व धर्म सम भाव देश में ,सबके अंतर्मन बस जाये,
आतंकी को कड़ी सजा दो ,बात हमारी मानो मौला ।
संविधान ही गीता "हलधर",राष्ट्र गान ही वेद ऋचायें ,
वंदेमातरम साथ गवा दो ,बात हमारी मानो मौला ।
- जसवीर सिंह हलधर, देहरादून