ग़ज़ल (हिंदी) - जसवीर सिंह हलधर

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जवानों की सहादत पर करो मत वार नेता जी,

विदेशों में न बेचों कौम की दस्तार नेता जी।

अरे ओ बेख़बर गांधी के बंदर ध्यान से सुन लो ,

बगावत के नहीं बोलो कभी असआर नेता जी।

सुबूतों के तराजू में न तोलो काम फौजों का ,

तराने हिन्द की तानें न हो बेज़ार नेता जी।

सभी प्रश्नों के उत्तर हो जरूरी तो नही होता ,

करो मत चैनलों पर प्रश्न यूं बेकार नेता जी।

बुलंदी देख दुनिया में चिड़े कुछ देश भारत से ,

बनो मत चीन के तुम खास रिश्तेदार नेता जी।

तिरंगे की अगर तुम शान में धब्बा लगाओगे ,

सुनोगे गालियां "हलधर" की सौ सौ बार नेता जी।

 - जसवीर सिंह हलधर, देहरादून