गीतिका - मधु शुक्ला
Jun 18, 2024, 22:23 IST
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मधुर स्वप्न नींदें चुराता बहुत,
समय नित सजगता सिखाता बहुत।
सदा दृष्टि रहती जहाँ लक्ष्य पर,
महोत्सव वहीं मन मनाता बहुत।
लगन श्रम बिना काम बनता नहीं,
सुयश कर्म साधक कमाता बहुत।
हमें गुरु अधिकतम सिखाते यही,
गहन ज्ञान उन्नति दिलाता बहुत।
करे त्रस्त मन को सदा कामना,
समझता वही चैन पाता बहुत।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश