गीतिका - मधु शुक्ला

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जग सुहाना माँ दिखाया आप ने,

प्रेम से अपना बनाया आप ने।

भ्रूण हत्या है गहन अपराध कह,

फर्ज माता का निभाया आप ने।

श्रेष्ठ जग में एकता संवेदना,

बोध इसका माँ कराया आप ने।

अन्नपूर्णा माँ सहज बनती नही,

धर्म जननी से मिलाया आप ने।

लक्ष्य से माँ मिल सकी हूँ मैं तभी,

पाठ जब श्रम का पढ़ाया आप ने।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश