गीतिका - मधु शुक्ला
Mar 23, 2024, 23:38 IST
| ![pic](https://vivratidarpan.com/static/c1e/client/84522/uploaded/4023ec0cee0bb116dbb6323042ba0f56.jpg)
बड़ा खूबसूरत नजारा मिला है,
सिया राम का दर्श प्यारा मिला है।
अयोध्या नगर की प्रभा है निराली,
यहाँ भक्त का उर सरारा मिला है।
शरण राम जी की पहुँच कर सभी को,
कृपा सिंधु जी का सहारा मिला है।
भजन नित्य गाती रहे धार सरयू,
यहाँ शुचि हृदय को किनारा मिला है।
नहीं राम से श्रेष्ठ कोई सहारा,
शरण में पहुँच कर इशारा मिला है।
-- मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश