गीतिका - मधु शुक्ला 

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राम लला जी के मंदिर का, पूर्ण हुआ है जब से काज,

एक किरण मधुरिम आशा की,जगी हमारे दिल में आज।

राम विराजेंगे मंदिर में, निश्चित तब चहकेगा न्याय,

अनाचार, अन्याय, कुकर्मों, पर तब गिर जायेगी गाज।

राम राज्य में नहीं दिखेगा, झूठ, कपट, छल, भ्रष्टाचार,

सदाचार से बदलेगा फिर, सबके जीने का अंदाज।

करुणा, ममता, त्याग, क्षमा का, राम करायेंगे सम्मान,

बेईमानी का नाम न होगा, सच के सिर पर होगा ताज।

राम लला के आदर्शों को, अपनायेगा जब संसार,

धर्म सनातन की आभा पर, भरत वंश को होगा नाज।

 – मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश