गीतिका - मधु शुक्ला
Nov 13, 2023, 22:29 IST
| 
मीडिया का कद अभी घटने लगा है,
आजकल यश हेतु यह बिकने लगा है।
न्याय सच की पैरवी अब यह न करता,
झूठ का व्यापार यह करने लगा है।
दीन पर इसकी नजर जाती न बिल्कुल,
अब इसे सौंदर्य प्रिय लगने लगा है।
खो रहा है साख अपनी स्तंभ चौथा,
यह पतन की राह पर चलने लगा है।
रात दिन बकवास कर के यह न थकता,
आँख में आवाम की चुभने लगा है।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश .