गीतिका - मधु शुक्ला

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उत्साह  रंग  भरती  मुस्कान  जिंदगी में,

मधु कर्म, सोच बनती वरदान जिंदगी में।

उपकार भावना जब मन में जगह बनाती,

अपनत्व प्राप्त करता इंसान जिंदगी में।

माँ बाप आचरण से शिक्षित करें जहाँ पर,

बढ़ती वहीं प्रगति पथ संतान जिंदगी में।

सेवा सहायता का जिसके हृदय बसेरा,

मिलती महापुरुष की पहचान जिंदगी में।

अन्याय, झूठ, शोषण से जो करें लड़ाई,

वे व्यक्ति प्राप्त करते सम्मान जिंदगी में।।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश