गीतिका - मधु गुप्ता

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भावनाओं को सुघड़ आकार देती गीतिका,

शुद्ध हिन्दी को सबल संसार देती गीतिका।

व्याकरण अनुसार हिंदी में सृजन जब कवि करें,

लेखनी को कीर्ति का आधार देती गीतिका।

नाम हिन्दी छंद का साहित्य के संसार में,

चिर रहे जिससे वही उपहार देती गीतिका।

नभ छुए साहित्य हिन्दी हेतु इसके ही हमें,

शब्द, रस, लय शोध का उपचार देती गीतिका।

गीतिका 'गुरु ओम नीरव' के प्रयासों से सजी,

काव्य जग को शुचि, सरस शृंगार देती गीतिका।

 — मधु शुक्ला, सतना, मध्य प्रदेश