गीतिका छंद - मधु शुकला
Sat, 20 May 2023
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चल न पाता एक दूजे पर हमारा जोर,
इसलिए मन आजकल करने लगा है शोर।
हम निजी सुख की तरफ जब से हुए आकृष्ट,
दिख रहीं संबंध में तब से दरारें स्पष्ट।
कर रही बैचैन तन्हाई हृदय को आज,
कर रहा है प्रेम रूठा द्वंद का आगाज।
ध्वनि प्रदूषण और मन का शोर है अरि मित्र,
हम करें कोशिश बदल जाये दुखद यह चित्र।
---- मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश