गीत - शुक्ला
Sep 10, 2024, 23:14 IST
| मातृभूमि से प्यारा हमको,और नहीं कुछ लगता है।
बड़े गर्व से शीश उठाकर , देश भक्त यह कहता है।
हिन्द देश की शान निराली,सभी यहां सेनानी हैं।
पुरुष और महिला दोनों ही, भारत के अभिमानी हैं।
निर्मल नीर सदा गंगा का ,मन को पावन रखता है .......।
राम कृष्ण की धरा हमारी,गीता को धारण करती।
शांति प्रेम की अनुयायी यह , नहीं किसी से है डरती ।
उच्च हिमालय पर्वत हर पल , जोश हृदय में भरता है......।
लक्ष्मीबाई वीर शिवाजी, जैसे जिसके रक्षक हों।
निखरे प्रतिदिन आभा उसकी, चाहे जितने कंटक हों।
देश प्रेम का भाव हमारा ,अरि के उर में चुभता है......।
--- मधु शुक्ला, सतना , मध्यप्रदेश