गीत - जितेंद्र कुमार

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कृष्ण तुम्हारे प्यार की गाथा सुना दिया l

राधा जैसी थी ओ, दीवाना बना दिया   l

            

              फूल,पत्तियों सी सुशोभित,

               गुलाबी मौसम सी लगती l

              आँखे काली, कोमल काया,

               नयनों से थी मुस्काती

 उसकी पलकों की छाया में जीवन बिता दिया  l

राधा जैसी थी ओ, दीवाना बना दिया l

कृष्ण तुम्हारे प्यार की गाथा सुना दिया l

           न थी तुलसी की रत्नावली,

           न घनानन्द की सूजन l

           न कालिदास की विद्यात्मा,

           न थी बोधा की सुभान

नैनो की मीठी वाणी से मुझे आलम बना दिया l

राधा जैसी थी ओ, दीवाना बना दिया l

कृष्ण तुम्हारे प्यार की गाथा सुना दिया l

            न ही ओ थी कृष्ण की मीरा,

            न ही लक्ष्मण की उर्मिला l

            न ही थी ओ रुक्खमिणी,

            न मजनू की थी लैला l

पहली ही मुलाक़ात में उसने, मुझे रांझा बना दिया

राधा जैसी थी ओ दीवाना बना दिया l

कृष्ण तुम्हारे प्यार की गाथा सुना दिया l

- जितेंद्र कुमार, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश