गीत - झरना माथुर

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सज रही है अब अयोध्या राम कण-कण बस गए,

है सनातन की बिजय जो राम जन -जन बस गए।

सज रही है अब अयोध्या……………………………….

दीपकों की हम कतारे घर- घर मिल के  सजाए,

फिर दिवाली हम मनाए राम घर- घर बस गए।

सज रही है अब अयोध्या……………………………….

इस धरा से आसमां तक गूंज हो प्रभु की बस,

हम भगवा अब फहराए राम जग- जग बस गए।

सज रही है अब अयोध्या……………………………….

खिल रहे वन और उपवन हर तरफ उजाला है,

बढ़ रही सरयू में हलचल राम मठ- मठ बस गए।

सज रही है अब अयोध्या……………………………….

- झरना माथुर, देहरादून , उत्तराखंड