गीत - झरना माथुर
Apr 15, 2023, 22:59 IST
| मांझी रे मांझी रे,
रे मुझे पार जाना है।
हवा भी बहे सनसन,
नदी भी कहे कलकल,
सजन पास जाना है।
मुझे पार जाना है……………
सूरज की किरण गुनगुन
श्यामा करें कुनकुन,
समां ये सुहाना है।
मुझे पार जाना है……………
जिया में हुई हलचल
कंगन भी करे खनखन,
बलम को रिझाना है।
मुझे पार जाना है……………
- झरना माथुर, देहरादून , उत्तराखंड