दोस्त - अनिरुद्ध कुमार
Wed, 13 Jul 2022
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दोस्त लगे बहार है, दिल सदा निसार है।
खुशी मिले अपार है, दोस्ती गुलजार है।।
सुखदुख का सार है, बात और बिचार है।
दोस्त मददगार है, बात यादगार है।।
पास अगर यार है, और क्या दरकार है।
दोस्त जीवन धार है, रंग गुलनार है।।
तर्क संगत रार है, नेह और दुलार है।
दोस्त मिलनसार है, झूमता संसार है।।
दोस्त पे मिटे यार है, बहुत दिलदार है।
यार खुशगवार है, प्यार का गुबार है।।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड