लगेला अन्हारा - अनिरुद्ध कुमार
Apr 15, 2024, 22:11 IST
| जमाना बुरा आदमी बेसहारा,
परेशान सोंचे मिलेना किनारा।
तड़पते बिताये सुलगते रहेला,
तरसते कहेला चलेना गुजारा।
फिकिर जान लेवे रहे बेकरारी,
हमेशा तलाशे कहाँ बा उबारा।
इहाँ आदमी आदमी से लड़ेला,
जहां देखलीं स्वार्थी बा नजारा।
करेला बहाना बनाये निशाना,
जलन बेकरारी अजूबा पसारा।
सबे चाहता प्यार से दिन गुजारीं,
करें बेवफाई गजब बा इशारा।
बताई कहाँं जिंदगी'अनि' बिताये,
जहां देखतानी लगेला अन्हारा।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड