अष्टम रूप महागौरी - डा० क्षमा कौशिक

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वृषारूढ़ा महामाया श्वेत वस्त्र शोभिता

शुभ्रवर्णा महागौरी नाना भरण भूषिता

चतुर्भुजी महादेवी दिव्य शस्त्रसमन्विता

कन्यारूप प्रकट हुई भक्तानंदोदयंबिका

पतिरूप शिव पाने को तप किया महान

अपर्णा कहलाई मां दिया अन्नजल त्याग

देख कठोर तप शिवा का शिव हुए कृपाल

मनइच्छित वरदान दिया अम्बे हुई निहाल

घर घर पूजन हो रहा जगदम्बे का आज

शक्तिधाम में हो रहा मां का जय जयकार

सब की झोली भर रही मैया कृपानिधान

उसके द्वारे एक हैं निर्धन और धनवान।

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके

शरण्येत्रियम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।

- डा०क्षमा कौशिक, देहरादून , उत्तराखंड