ध्वज लिपट कर वीर - डॉ. सत्यवान सौरभ

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हुई लहू के मोल पर, मातृभूमि आजाद।

होने ना देंगे कभी, हम इसको बर्बाद।।

लिए तिरंगा मर मिटे,  भारत-माँ के लाल।

धन्य-धन्य वो मात है, जिसने जन्मे लाल।।

सही सलामत देश ही, है मेरा अभिमान।

मिल-जुल कर रक्षा करें, रखें हथेली जान।।

शान्ति भंग कर लोग फिर, करते खडे़ सवाल।

प्रेम, अहिंसा,शांति से, उत्तर सभी निकाल।।

आज़ादी के जश्न पर, भारी मन की पीर।

आयेंगे कितने अभी, ध्वज लिपटकर वीर।।

जय हो हिंदुस्तान की, विनती है भगवान।

राष्ट्र भक्त के रूप में, गाएं बस गुणगान।।

सभी धरे संकल्प यह, हर जन पहरेदार।

तभी मनेगा देश में,  आजादी का त्यौहार।।

आज जरूरत है यही, रहे सदा वो ध्यान।

आजादी की चाह में, दे दी जिन ने जान।।

- डॉo सत्यवान सौरभ, 333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी,  हरियाणा – 127045, मोबाइल :9466526148,01255281381