एक मानववादी व्यक्तित्व है डॉ० अशोक ‘गुलशन’ - डॉ० सुमन पाण्डेय

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Vivratidarpan.com बहराइच - - चिकित्सा एवं सामाजिक कार्यों हेतु सेवानिवृत्त क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ० अशोक कुमार पाण्डेय को 115 देशों की संस्थाओं द्वारा 1258 सम्मान, पुरस्कार, उपाधियाँ एवं प्रशस्ति/प्रमाण पत्र प्रदान किये गये हैं| इनमें भारत के 22 राज्यों से 512 एवं विदेश के 115 देशों सहित 746 सम्मान, भारत सहित 25 देशों से 73 ऑनरेरी डॉक्टरेट और एक डी० लिट्० पुरस्कार, उपाधियाँ एवं प्रशस्ति/प्रमाण पत्र भारत सहित 25 देशों से 73 ऑनरेरी डॉक्टरेट और एक डी० लिट्० सम्मिलित हैं| 14 देशों से 40 अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों/पुरस्कारों तथा 18 राष्ट्रीय सम्मानों/पुरस्कारों से सम्मानित डॉ० अशोक गुलशन विगत लगभग चार दशक से चिकित्सा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रूप से सेवारत हैं और निःस्वार्थ भाव से जन सामान्य को अपने कार्य एवं अनुभव का लाभ प्रदान कर रहे हैं| उ०प्र० के जनपद बलरामपुर स्थित पिपरा एकडंगा गाँव में 25 जून 1963 को जन्मे डॉ० गुलशन ने 1988 में आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी के रूप में बहराइच तथा श्रावस्ती को अपना कार्यक्षेत्र चुना और अपने 35 वर्ष के सेवाकाल में 14 वर्ष श्रावस्ती तथा 21 वर्ष बहराइच की जनता के बीच उपस्थित रहकर उनका दुःख-दर्द बाँटा और उनकी भरपूर सेवा की| उनकी सेवाओं से प्रेरित होकर जनता से उन्हें यथोचित प्रेम और आदर-सम्मान तो मिला ही साथ ही साथ विश्व की लब्ध प्रतिष्ठ संस्थाओं ने भी उन्हें भरपूर सम्मान दिया| बचपन से स्काउट एंड गाइड्स, एन० सी०सी०, रोवर रेंजर फ़ोर्स, एन० एस०एस० इंडियन रेड क्रास सोसायटी आदि संस्थाओं से जुड़कर डॉ० गुलशन ने पीड़ित मानवता के प्रति अपना मानव धर्म निभाया और सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी वह अपनी जनसेवा से सफर को जारी रखना चाहते हैं|   -  ( डॉ० सुमन पाण्डेय,आख्या क्लिनिक, क़ानूनगोपुरा, बहराइच, उत्तरप्रदेश)