हिंदी का मत करो अपमान - हरी राम यादव

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सिसक सिसक कर रो रही है हिंदी,

अंग्रेजी ने छीनी उसके माथे की बिंदी।

अपने ही कर रहे उसकी हालत चिंदी,

बड़ी मुश्किल से वह बची हुई है जिंदी।

आजाद हुए देश को हो रहे हैं 78 साल,

पर खड़ी रही देश में अंग्रेजी की दीवाल।

संसद से संस्थान तक अंग्रेजी  मालामाल,

सरकारी स्कूलों में भी हिंदी हालत बेहाल।

बनी अपने घर में दोयम दर्जे की भाषा,

कोसों दूर उससे राष्ट्रभाषा की परिभाषा ‌।

वोट बैंक की राजनीति से न कुछ आशा,

आओ दिवस मना कर पूरी करें अभिलाष।।

सेंके नेता हिंदी दिवस पर नाम की रोटी,

पर इसे लेकर मन में एकदम आशा छोटी ।

अपनों को भेजें पढ़ने देकर फीस मोटी,

औरों को देना चाहें हिंदी की सोंटी।।

कथनी करनी दोनों हो एक समान,

हिंदी का मत और करो अपमान।

रखो विवेकानंद और अटल का मान,

बना पाठ्यक्रम मिटाओ अंग्रेजी गान।।

 - हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश