दोहा सृजन - मधु शुक्ला
Jun 5, 2024, 23:25 IST
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अभिनेता है आदमी रंग मंच संसार।
इसीलिए अभिनय बना,जीवन का आधार।।
सच्चाई पर अब फिदा, कम होते हैं लोग।
बनावटी व्यवहार का, फैला जग में रोग।।
बिना मुखौटा जिंदगी, रहती है बैचैन।
मन वाणी की साम्यता,सदा भिगोती नैन।।
शासन जब तक झूठ का, पायेगा सम्मान।
मिलना संभव है नहीं,जग में शुचि मुस्कान।।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश