दोहा - अनिरुद्ध कुमार
Jan 20, 2024, 23:35 IST
| भारत लगता राममय, आनंदित आकाश।
सुंदर सुंदर झाँकियाँ, रंग रंजित प्रकाश।।
राम राम सब जप रहें, जागे सबके भाग्य।
जड़ चेतन हर्षित लगें, दर्शन का सौभाग्य।।
बच्चे, बूढ़े या युवा, बोल रहें श्रीराम।
बैठ सवारी जा रहें, सेवा में प्रभु राम।।
राम विराजेंगे जहाँ, धन्य अयोध्या धाम।
धरती अंबर राममय, होगा सुबहो-शाम।।
वर्षों से आशा लगी, मन में कहाँ सबूर।
राम रसायन लूटते, आनंदित भरपूर।।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड