दोहा - अनिरुद्ध कुमार

भारत देश महान है, गर्वित आज जहान।
आजादी सुख सार है, मुक्त कंठ गुनगान।१।
सुखदायनी स्वतंत्रता, जागृत हो अभिमान।
गौरव गाथा गा रहें, बच्चें, वृद्ध, जवान।२।
मन उड़ता आकाश में, जयी तिरंगा शान।
मनभावन मोहित करे, मधुर लगे जयगान।३।
आज दिवस अनमोल है, दिल से करते मान।
सजधज के घर से चले, गाते जनगण गान।४।
सोंच लहू का मोल क्या, देश प्रेम का मान।
याद करें दिल से जहाँ, वीरों का बलिदान।५।
माँ का कर्ज अदा किया, शहीद हुआ जवान।
गाँव शहर जनजन खड़ें, दिल में उठे उफान।६।
वीर कभी मरते नहीं, हँस हँस देते जान।
झुकना वो सीखे नहीं, पाते जग में मान।७।
जंग जरूरी देश हित, यह सरल समाधान।
जैसे को तैसा मिले, दुश्मन पाये ज्ञान।८।
डर डर कर जीना नहीं, कहते सदा सुजान।
आनबान जीवन लगे, परिलक्षित स्वाभिमान।९।
वतन से जिसे प्यार है, वह सच्चा इंसान।
हर पल सोंचें देश हित, हो जाये कुर्बान।१०।
- अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड