जनता के न अधिकार लिखो - हरी राम यादव

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शक्ति के मद में डूबी सत्ता का,

    सतत जय जयकार लिखो।

दूसरों की प्रचंड जीत को भी,

    उनकी सबसे बड़ी हार लिखो।

यही चाहता सत्ता सिंहासन,

    जनता की न करुण पुकार लिखो।

ढंको कलम से सत्य को सदा,

     जनता के न अधिकार लिखो।

बने शासन चाहे जितना निष्ठुर,

    पर न उसका गलत व्यवहार लिखो।

शीर्षक हो सत्ता के मनमाफिक,

    जो कहें हरी वही अखबार लिखो ।

 - हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश