धनतेरस सुनील गुप्ता

(1) " ध ", धरके अकूत धैर्य जीवन में सदा
करते रहें धर्म कर्म पुरुषार्थ !
और जीवन में आनंदधन पाएं......,
करते चलें सदैव यहां परमार्थ !!
(2) " न ", नमन करें धनवंतरी देव को
और पूजें माँ श्रीलक्ष्मीजी को !
करके कुबेर और यमदेव की अर्चना....,
मांगें सुख स्वास्थ्य लंबी आयु को !!
(3) " ते ", तेरा मेरा है हम सबका
रखते बड़प्पन का सुंदर भाव !
मनाएं चलें सभी संग मिलकर......,
हरेक पर्व त्यौहार एक साथ !!
(4) " र ", रचाए चलें जीवन में खुशियाँ
मिलके मनाते पावन धनतेरस पर्व !
और चलें बांटते जीवन में प्यार...,
मनाएं आनंद संग सभी उत्सव !!
(5) " स ", सबकी खुशी बनें अपनी खुशी
यही होती सच्ची त्यौहार भावना !
चलें सभी को संग साथ लेकर....,
और करें सभी के सुखों की कामना !!
(6) " धनतेरस ", धनतेरस का शुभ पर्व
बरसाए चहुँओर आनंद धन !
खिलाए जीवन में खुशियाँ......,
और बनाए चले जीवन प्रसन्न !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान