देहरादून की कविता बिष्ट 'नेह' को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में हुआ नाम दर्ज़
Vivratidarpan.com - देहरादून के साहित्यकारों ने अपनी अहम भूमिका निभाकर उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया। दून की निशा, मणि और कविता बिष्ट 'नेह' डॉ. इंदु अग्रवाल समेत 142 साधकों ने निभाई भूमिका।
देश-विदेश में रह रहे 142 छंद साधकों ने भारतीय संविधान के मूल रूप को 26 प्रकार के छंदों में भारत का संविधान छंदबद्ध कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। इसमें प्रमुख संपादक डॉ. ओमकार साहू मृदुल ने मुख्य भूमिका निभाते हुए अथक प्रयास कर सबको एक सूत्र में बाँधा, जो व्यवसाय से चिकित्सक हैं। सह संपादक डॉ. मधु शंखधर अध्यापिका हैं। साथ ही डॉ. सपना दत्ता रेलवे में अधिकारी हैं।
दिल्ली स्थित हिन्दी भवन के कार्यक्रम में देहरादून की निशा अतुल्य , मणि अग्रवाल ‘मणिका’ व कविता बिष्ट ‘नेह' डॉ इंदु अग्रवाल को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया। कविता बिष्ट 'नेह' का विश्व में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में यह दूसरा कीर्तिमान है। इन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 एवं 80 की धाराओं को दोहा, रोला और कुकुभ छंद में छंदबद्ध किया है।
इस उपलब्धि पर इन्हें नई दिल्ली के हिंदी भवन में आयोजित भव्य समारोह में सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह पुस्तक विमोचन में मुख्य अतिथि मीनाक्षी लेखी पूर्व विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री भारत सरकार थी। समारोह की अध्यक्षता पदमश्री डॉ श्याम सिंह शशि ने की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ राम सिंह वरिष्ठ साहित्यकार दिल्ली, पंकज शर्मा एडिटर आज तक न्यूज़ चैनल, शकुंतला कालरा वरिष्ठ साहित्यकार दिल्ली, डॉ संतोष खन्ना पूर्व जज दिल्ली हाई कोर्ट, डॉ चेतन आनंद उपन्यासकार, कवि एवं पत्रकार तथा आलोक कुमार भारत प्रमुख गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड उपस्थित थे। देहरादून से सम्मान पाने वालों में प्रसिद्ध कवयित्रियाँ डॉ.इंदु अग्रवाल, कविता बिष्ट 'नेह' व मणि अग्रवाल मणिका रहीं, जिनके लेखन ने देहरादून का गौरव बढ़ाया।